हेलो दोस्तों नमस्कार,
आज के इस ब्लॉग में हम जानेंगे हरयाणा के सबसे बड़े गाँव के बारे में जिसका नाम है डीघल (Dighal).
डीघल गाँव भारत देश के हरयाणा राज्य के झज्जर जिले के बेरी तहसील में पड़ता है | यह हरयाणा का जनसँख्या के मामले में एक अकले पूंचायत का सबसे बड़ा गाँव है | इस गाँव के लोगो का गोत्र अहलावत गोत्र है | यह अहलावत खाप का सबसे प्रमुख गाँव है और इस खाप का मुख्यालय भी यही है |
डीघल गाँव की स्थापना 1194 में हुई थी, इस गाँव का नाम एक लीजेंड के नाम पे रखा गया था जिनका नाम “डीघा (Digha)” था |
गाँव, आसपास के अन्य गाँवों के साथ, खाप पंचायतों के प्रभाव और राजनीतिक दबदबे के लिए भी बदनाम है। खाप की महिला नेता संतोष डीघल ने 2014 में विधानसभा चुनाव लड़ा लेकिन चौथे स्थान पर आ गईं
देश (Country) | भारत |
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राज्य (State) | हरियाणा |
जिला (District) | झज्जर |
द्वारा स्थापित (Founded by) | डीघा (Digha) |
कुल क्षेत्रफल (Area) | 30.57 km2 (11.80 sq mi) |
समुद्र तल से उचाई (Elevation) | 222 m (728 ft) |
भाषा (Official Languages) | हरयाणवी (Haryanavi) |
टाइम जोन (Time Zone) | UTC+5:30 (IST) |
पिन कोड (Pin Code) | 124107 |
टेलीफोन कोड (Telephone Code) | 1251 |
वाहन रजिस्ट्रेशन (Vehicle Registration) | HR 77 |
पास का शहर (Nearest City) | रोहतक (Rohtak) |
लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र | रोहतक (Rohtak) |
विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र | बेरी (Beri) |
यह गाँव सेना के जवानों के रूप में अपने योगदान के लिए प्रसिद्ध है | गाँव के कई सारे लोग भारतीय सेना में शामिल होते आ रहे है | यहाँ एक “वीर सैनिक यादगार” स्मारक स्वतंत्रता सेनानियों की याद में बनाया गया है, और इसकी स्थापना “पूर्व सैनिक समिति” द्वारा 2013 में की गयी थी | इस गाँव के कुछ प्रमुख शहीद वीर सपूत, शहीद कैप्टन नरेंद्र पाल सिंह अहलावत पुत्र चौ. उदय सिंह अहलावत, कैप्टन बदन सिंह अहलावत, कैप्टन नरेंद्र सिंह अहलावत (शौर्य चक्र) है |
डीघल गाँव की कुल जनसँख्या 2011 की जनगणना के अनुसार 14146 है | जिसमे 7663 पुरुष है और 6483 महिलाये है |
गांव में बहुत सारे मंदिर हैं। पीर बाबा मोहजामा मंदिर (Peer Baba Mohjama Temple) आस-पास के गांवों में सबसे प्रसिद्ध है और यहां साल भर हजारों की संख्या में लोग आते हैं।
डीघल गाँव NH-352 हाईवे से जुड़ा है | इस गाँव का अपना एक रेलवे स्टेशन भी है जिसका स्टेशन कोड DGHL है | इस स्टेशन पे दो प्लेटफार्म है, इस स्टेशन पे बहुत ही कम ट्रेने रूकती है | इस गाँव के पास दुसरे स्टेशन खरावर और अस्थल बोहर है |
डीघल गाँव झीलों और तालाबो से घिरा है और यहाँ की मिटटी में नमी है | यह गाँव प्रवासी पक्षी प्रजातियों के मार्ग पर है जिसकी वजह से डीघल को विभिन्न प्रकार की पक्षीयो को देखने के लिए एक आदर्श स्थान बनता है | अफ्रीका और उत्तरी एशिया से पलायन करने वाले पक्षियों की सैकड़ों प्रजातियां ढिगल में रुकती हैं, जिससे यह पक्षी देखने के शौकीनों के लिए एक लोकप्रिय स्थान बन जाता है। 2018 में दुर्लभ स्लावोनियन सींग वाले ग्रीब को 16 वर्षों में पहली बार दीघल में देखा गया था और पिछले कुछ वर्षो में संगमरमर जैसी बतख, लंबी चोंच वाली डौचर और बाइकाल चैती के देखे जाने की जानकारी मिली है।
डीघल के आस पास के गाँव है,
Gangtan 0.5 kilometres away, Dhandhlan, Karontha, Brahana, Lakaria, Dimana, Gochi और Kharawar
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