Top 10 Must Visit Place in Kanpur |
आईये जानते है मांडू के की सबसे बेहतरीन जगहों के बारे में | जहा आपको जरुर घूमना चाहए |
मांडू हरे-भरे जंगलों और पहाड़ों के बीच बसा हुआ है और यहां देखने के लिए कई सारी जगह है | मध्य प्रदेश का यह जगह जितना प्यारा है उतना ही जानने लायक है आज की इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि मांडू कैसे जा सकते हैं और वहा कौन सी 10 खूबसूरत जगहों को देख सकते हैं |
मांडू, मध्य प्रदेश का एक प्राचीन शहर है | यह धार जिले में स्थित है और इंदौर से 100 किमी दूर है | यह जगह पहले मांडवगढ़ के नाम से जाना जाता था | इस पर पहले परमारों का शासन था, उनके शासन काल में मांडू को बहुत प्रसिद्धी मिली | उसके बाद इस पर मुगलों का शासन रहा | मुगलों का शासन काल मांडू के लिए स्वर्णकाल रहा क्योकि मुगलों ने इस जगह पे बहुत सारे निर्माण और विकाश कार्य किया | मुगलों ने इस शहर का नाम बदल कर शादियाबाद यानि की "खुशियों का शहर" रख दिया था | जो वास्तव में इस शहर के लिए सटीक था |
Image Source by - Google Image - mapsofindia |
मांडू जाने के लिए पास का एयरपोर्ट इंदौर है और रेलवे स्टेशन भी इंदौर में ही है और इंदौर के अलावा देवास मैं भी रेलवे स्टेशन है | देवास जो की इंदौर से 40 किमी दूर है | तो बेहतर है की आप इंदौर ही पहुचे वाया ट्रेन या प्लेन |
इंदौर से आप मांडू के लिए बस या टैक्सी ले सकते हैं जो की 2 घंटे में आपको मांडू पहुंचा देती है | ठहरने के लिए मांडू मे कई सारे होटल है | और आप इंदौर में भी होटल लेकर रह सकते हैं| मांडू का टूर पैकेज लगभग एक से दो दिन का पर्याप्त होगा तो चलिए अब जानते हैं कि मांडू में आप कहां-कहां घूम सकती हैं |
मांडू घुमने का सबसे अच्छा समय मानसून का होता है | इस समय यहाँ के पहाड़ो पे हरियाली आ जाती है जो मांडू की खूबसूरती में चार चाँद लगाते है |
रीवा कुंड बाज बहादुर और रानी रूपमती की पौराणिक प्रेम कहानी को समर्पित एक और स्मारक है। रीवा कुंड एक कृत्रिम झील है जिसे बाज बहादुर ने रूपमती के मंडप में पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए बनवाया था। रानी रूपमती अक्सर इस झील में पूजा करने आती थी | जिसकी कारण इस झील का प्रसिद्धि कुछ धार्मिक कारणों की वजह से भी है।
क्षेत्र की कई अन्य झीलों की तरह, झील का अस्तित्व आज भी पवित्र हिंदुओं के लिए है, जिन्होंने समय के साथ झील को गुमनामी से बचाया है। झील के आसपास के क्षेत्र में समय के साथ निर्माण देखा गया है। झील के उत्तर-पश्चिमी हिस्से में एक मंडप है जिसे समय के साथ विस्तारित किया गया है, जिसमें स्तंभों और मेहराबों की विभिन्न शैलियों को प्रदर्शित किया गया है, जो तीर्थयात्रियों और आनंद चाहने वालों के लिए समान रूप से विश्राम क्षेत्र प्रदान करता है।
झील के उत्तरी छोर में एक अनोखा कोंटरापशन है जिसे वाटर लिफ्ट कहा जाता है जो बाज बहादुर के महल को पानी की आपूर्ति प्रदान करता है। रीवा कुंड की यात्रा आमतौर पर उन मार्गों का एक हिस्सा है जो मांडू में महलों को कवर करते हैं।
अशरफी महल जामा मस्जिद के सामने मुख्य बाजार में स्थित है। जामा मस्जिद के पूर्व में हमें एक विशाल मंच जैसी संरचना दिखाई देती है जो एक शानदार इमारत की छाप प्रस्तुत करती है जिसके केवल खंडहर ही अस्तित्व में हैं। यह मूल रूप से मोहम्मद शाह द्वारा 1405 से 1422 के बीच में एक मदरसे के रूप में इस्तेमाल करने के लिए बनाया गया था | दीवारों को संगमरमर के स्लैब से ढका गया था और छात्रों के अध्ययन के लिए छोटे क्यूबिकल बनाए गए थे। मदरसे का मुख्य प्रवेश द्वार बनाया गया है ताकि यह छात्र को प्रेरणादायक दृश्य दे सके।
लोग ये भी कहते है की सुल्तान अपनी रानियों का वजन कम करने के लिए इन सीढियों पे चढ़ने के लिए कहते थे और उन्हें सोने की अशर्फिया देते थे | एक सीढि चढ़ने पे एक अशर्फी मिलती थी |इसलिए इसको अशर्फी महल कहते है |
अगर आप मांडू आये तो इसे भी जरुर देखे |
होशंग शाह का मकबरा जो 15वीं शताब्दी में बनवाया गया था | और कहा जाता है कि ये भारत का पहला संगमरमर का मकबरा था | यह मकबरा इतना सुंदर है कि शाहजहा भी इससे प्रभावित हो गए थे और ताजमहल के निर्माण से पहले अपने चार वास्तुकारों को यहां भेजा गया था |
होशंग शाह का मकबरा, मांडू अफगान कला और वास्तुकला का अद्भुत उदाहरण है। स्मारक में संगमरमर के जटिल कार्य के साथ एक संतुलित गुंबद है। दक्षिणी द्वार पर अद्वितीयता और अद्भुत सजावट कमल और नीले तामचीनी सितारों को चित्रित करती है।
नीलकंठ महल कभी भगवान महादेव को समर्पित एक मंदिर था। बाद में इसे अकबर के सेनापति बुडाग खान द्वारा एक आनंद महल में परिवर्तित कर दिया गया था। यह चोरकोट मस्जिद (Chorkot Mosque) के दक्षिण में स्थित है और सड़क के एक ही तरफ स्थित है। मुख्य सड़क से नीलकंठ महल तक एक घुमावदार रास्ता उतरता है। ऐतिहासिक महत्व के अलावा इस जगह में अपार प्राकृतिक सुंदरता है। उत्तर की ओर से मांडू के लहरदार हरे भरे परिदृश्य के शानदार नज़ारे दिखाई देते हैं। यू आकार का महल एक अष्टकोणीय तालाब के चारों ओर केंद्रित है, जिसका द्वार दक्षिण की ओर खुला है।
जलमार्गों और चैनलों की एक श्रृंखला ने तालाब में पानी ला दिया। महल की दीवारों पर एक फारसी शिलालेख महल है यह महल की कहानी बताता है। आज मंदिर फिर से एक सक्रिय मंदिर के रूप में प्रयोग हो रहा है और लोग पूजा अर्चना करते है |
यह एक जैन मंदिर है जिसका नाम मांडवगढ़ सुपार्श्वनाथ श्वेतांबर जैन मंदिर है | यह मध्य प्रदेश के धार में स्थित है | यहाँ बहुत सारे लोग दर्शन और पूजा करने के लिए आते हैं | यह बहुत प्राचीन और बहुत मान्यता वाला मंदिर है | यह जैन मंदिर विंध्य पर्वत की ऊपर मांडव गढ़ किले के विशाल परिसर में बना हुआ है |
यह भगवान श्री सुपार्श्वनाथ को समर्पित है | मंदिर के अंदर उनकी मूर्तियां सफेद पत्थर से बनाई गई हैं | मंदिर भी पूरा सफेद पत्थर से बनाया गया |
रीवा कुंड के पूर्वी हिस्से में बाज बहादुर का महल है। बाज बहादुर का महल मूल रूप से 1509 में सुल्तान नसीरुद्दीन शाह द्वारा बनाया गया था और बाद में बाज बहादुर (1554 - 61) द्वारा इसका विस्तार किया गया था। इस महल में कुछ अद्भुत ध्वनि शास्त्र का प्रयोग किया गया हैं जिससे की महल के एक हिस्से में बनी ध्वनि दूसरे छोर पर सुनी जा सकती है। इस महल के अंदर सकरी और उबड़ खाबड़ सीढ़ियों के द्वारा आने जाने का संपर्क मार्ग बनाया गया है है। सीढ़ियों के बाईं ओर एक धनुषाकार आकृति का स्तम्ब है। यह रीवा कुंड से बाज बहादुर के महल में पानी लाने के लिए एक जलसेतु के रूप में कार्य करता है।
महल का प्रवेश एक विशाल तोरणद्वार (huge archway) के माध्यम से एक टेढ़े-मेढ़े रास्ते से होता है। रास्ता महल के उत्तर की ओर एक बड़े प्रांगण की ओर जाता है। आंगन एक स्विमिंग पूल के चारों ओर केंद्रित है। महल के दक्षिणी हिस्से में भी इसी तरह का एक आंगन है, जो आकार में बहुत छोटा है और स्विमिंग पूल से कम है। छत में दो गुंबददार मंडप हैं। प्रत्येक मंडप बारह स्तंभों पर खड़ा है और प्रत्येक पक्ष में समान तिहरे मेहराब (arches ) हैं। छत से पास की पहाड़ी के ऊपर स्थित रूपमती मंडप सहित शानदार नज़ारे दिखाई देते हैं |
जामा मस्जिद अशर्फी महल के दूसरी तरफ स्थित है | यह मांडू की सबसे बड़ी और प्रमुख मस्जिद है । मस्जिद का निर्माण होशंग शाह के शासनकाल के दौरान शुरू हुआ और महमूद खिलजी द्वारा पूरा किया गया। मांडू की जामा मस्जिद को दमिश्क की मस्जिद (Mosque of Damascus) की तर्ज पर बनाया गया था। यहाँ पूर्व में एक विशाल गुंबददार प्रवेश द्वार के माध्यम से जाया जाता है। दरवाजे में मार्बल जैम (marble jams) और लिंटेल (Lintel) है, जो संभवत: हिंदू वास्तुकला की याद दिलाता है। गेट के माध्यम से एक मार्ग एक खुले आंगन की ओर जाता है जिसमें तीन तरफ (पश्चिम को छोड़कर) स्तंभों वाले हॉल हैं, जिनमें से अधिकांश लंबे समय से ढह चुके हैं। इसके ठीक आगे पश्चिम की ओर एक मुख्य प्रार्थना कक्ष है जिस पर तीन विशाल गुम्बद हैं, साथ में 58 छोटे गुम्बद हैं।
पिलर और मेहराब के अद्भुत मिश्रण से युक्त प्रार्थना परिसर में पश्चिमी दीवार पर 17 घुमावदार संरचना (curved niches) हैं। भव्य रूप से सजाया गया केंद्रीय संगमरमर का स्थान (Niche) मस्जिद के मुख्य मेहराब के रूप में कार्य करता है। मुख्य मिहराब के ठीक बगल में एक गुंबददार पल्पिट (pulpit) है, जिसके पास सीढ़िया बनी है। इमाम इस पल्पिट से नमाज़ करते थे और नमाज़ी लोगो का नेतृत्व करते थे |
हिंडोला महल का निर्माण होशंग शाह के शासनकाल के दौरान 1425 में हुआ था | इसका आकर T जैसा है | यह मांडू में शाही महल परिसर में बनने वाली इमारतों में से एक है, जिसमें जाहज़ महल, हिंडोला महल, तवीली महल और नाहर झरोखा शामिल हैं। हिंडोला महल को दर्शकों के लिए ओपन एयर थियेटर के रूप में इस्तेमाल किया जाता था।
यह पुरानी जगह, यहाँ से आपको नर्मदा नदी के एक अद्वितीय दर्शन प्रदान करती है। इस महल के मंडप में मध्यकालीन रोमांस की पृष्ठभूमि है जो सुल्तान बाज बहादुर और रानी रूपमती के बीच शुरू हुई थी। पहले इस पहाड़ी क्षेत्र का उपयोग सेना के मैदान के रूप में किले के चारों ओर निगरानी रखने और राज्य की रक्षा करने के लिए किया जाता था।
इस मंडप में दो वॉचटावर और खूबसूरत आंगन भी हैं, जो इसे मांडू पर्यटन स्थलों में से एक बनाते हैं और इसको देखना जो हर किसी के यात्रा कार्यक्रम का अनिवार्य हिस्सा हैं। ऐसा कहा जाता है कि रानी रूपमती एक कुशल शास्त्रीय गायिका थीं और मंडप को ध्वनिक रूप से बनाया गया था। यह सबसे बढ़िया और अद्भुत स्थानों में से एक है जिसे आपको मध्य प्रदेश में देखना चाहिए।
यह महल मांडू की सबसे खास और खुबसूरत जगह है | इसका निर्माण सुल्तान गयासुदीन खिलजी के द्वारा करवाया गया था | जो उस समय 15000 महिलाओं का विशाल हरम था | सभी महिलाओं को सही तरीके से रखने के लिए इस खास महल का निर्माण करवाया गया था |
जाहज महल मुंज तालाब के पास मांडू किले में गड़ा शाह महल और हिंडोला महल के साथ स्थित है। यह दो मंजिला महल जुड़वां (दोनों तरफ) तालाबों से घिरा हुआ है जो दर्शकों को यह आभास देता है कि यह एक तैरता हुआ जहाज जैसा ढांचा है। इसलिए इसको जहाज महल कहा जाता है | अगर आप मांडू आये तो ये जगह जरुर घुमे |
दोस्तों इसके अलवा इसके आसपास कुछ वॉटरफॉल है जो सीजनल वॉटरफॉल है और यहां बरसात के मौसम में
बहुत सुंदर लगता है | अगर आपके पास टाइम बचता है तो आप यहाँ भी घुमने जा सकते है|
उम्मीद करता हु ये ब्लॉग आपको पसंद आया होगा |
धन्यवाद !!!
0 टिप्पणियाँ