5S mythology की खोज और
implementation 2nd world war के बाद Toyota Industries में किया गया, जिससे उनको कंपनी के waste को कम करने और efficiency
को बढ़ाने में बहुत सफलता मिली
ये Technique आगे चल के बहुत ज्यादा Popular और effective और ये आज Lean का basic
fundamental elements है
operation में इसका उपयोग हो सकता है। यह सिर्फ Company या Company की स्वच्छता की बात नहीं है
इससे हमारे काम और company की efficiency और profit भी बढ़ता है 5S एक frame work है जो हमें एक
different mind set और idea से सोचने पे जोर देता है जिससे हमारी company की efficiency और value
में बृद्धि होती है.
5S हमको waste को पता करने, analysis करने और उसको हटाने में मदद
करता है.
S.N. |
Hindi |
English |
Japanese
|
1 |
छटाई |
Sort |
Seiri |
2 |
सुव्यवस्था |
Set in Order |
Seiton |
3 |
चमकाना |
Shine |
Seiso |
4 |
मानकीकरण |
Standardize |
Seiketsu |
5 |
अनुशासन |
Sustain (Self Discipline) |
Shitsuke |
अनावश्यक वस्तुओ को छाटे और उन्हें फेक दे
(A) - आप अपने कार्यस्थल के चारो तरफ देखे और अपने आप से पूछे “क्या जो वस्तु चारो ओर है उनका वह
होना अनिवार्य है?”
(B) - अनिवार्य/योग्य वस्तु को अलग करे
(C) - पुनः काम में आने वाली वस्तुओ को स्टोर यार्ड में भिजवा दे
(D) - कभी भी न काम आने वाली वस्तुओ को स्क्रैप यार्ड में भिजवा
दे
(A)
– अव्यवस्था दूर होती है |
(B)
– ज्यादा जगह बनती है |
(C)
– रख – रखाव सम्बंधित समस्यायों
पर कार्य होता है |
प्रत्येक वस्तु के लिए एक जगह निश्चित करे और हर
वस्तु को उसके नियमित जगह पर रखे |
(A) – प्रत्येक वस्तु के लिए नाम और जगह निर्धारित करे |
(B) – वस्तु के नाम एवं जगह की पहचान के लिए मार्किंग करे | (जैसे की लेबल लगाकर या बाहरी लाइनिंग
लगाकर इत्यादी) |
(C) - उपयोग की आवृति के आधार पर वस्तुओ की जगह का चयन करे | और वस्तुओ के सही निर्धारण के
समय उसके आकर, वजन, उपयोगिता एवं
सुरखा का ध्यान रखना आवश्यक है
(D) – वस्तुओ की किस्मो के अनुसार उचित स्टोरेज व्यवस्था का निर्णय ले | (जैसे की अलग – अलग तरह की
वस्तुओ के लिए स्टैंड, रैक, विशेष प्रकार
के बिन या ट्रे का उपयोग |
(E) – हर वस्तु को जरुरत अनुसार सही मात्रा में रखने का निर्णय
ले |
(F) - हमेशा वस्तुओ को उनकी नियमित जगह पर वापस रखे |
(A)
– एसी व्यवस्था जिससे मिले: -
1.
कार्यकुशलता (जैसे की
वस्तुवो को जल्दी से ढूढ़ पाना)
2.
गुणवत्ता (जैसे की वस्तुओ
का संरक्षण)
3.
सुरक्षा (जैसे की
वस्तुवो के गिरने या फिसलने से बचाव)
(B)
– वस्तुवो को ढूढते रहने की
परेशानी से बचाव |
स्वच्छताक (साफ – सफाई) – एकदम स्वच्छ जगह बनाने के लिए सम्पूर्ण
सफाई करे और त्रुटियो के लिए निरीक्षण करे |
(A)
– हर चीज की पूर्ण रूप से
बखूबी सफाई करे | इसके लिए निम्नलिखित कदम उठाये |
१.
पहला कदम – बड़े पैमाने पर हर
स्थल, मशीनरी और फर्नीचर की सफाई करे |
२.
दूसरा कदम – अपनी
जिम्मेदारी अनुसार बताये गए उपकरणों और क्षेत्रों की सफाई करे |
३.
तीसरा कदम – हर
छोटे पुर्जे औजार तथा उपकरणों के अंदर की सूक्ष्म सफाई करे |
(B)
– सफाई के दौरान
हार चीज़ का निरीक्षण करे और सफाई सम्बंधित त्रुटियों के कारणों को जाने |
(C)
- त्रुटियों और
समस्याओ को दूर करे और स्थल में लगातार सुधार लाये | (Kaizen करे)
(A)
– आदर्श कार्य स्थल बनता है
|
(B) - त्रुटिया और समस्याये उजागर
होती है |
(C)
– त्रुटिया दूर होने से
कार्य स्थल में सुधार होता है |
हर समय उचे स्तर का रख रखाव
बनाये रखे |
अगर Sorting, Set in order एवं Shine का प्रयोग लगातार रूप से नहीं किया गया तो सही sorting एवं व्यवस्था
वाला साफ कार्य स्थल भी गन्दा हो जायेगा हमारे द्वारा किये जाने वाले पर्यटक कार्य का एक निश्चित मानक होना चाहिए
जिसमे हमें
कार्य वातावरण का उच्च स्तर प्राप्त हो सके
(A) – पहले तीन S के लिए मानक स्थापित करे और उन्हें बनाये रखे (जैसे की छटाई और सुसज्जित व्यवस्था के
लिए
मापदण्ड और साफ – सफाई के कार्यक्रम |
(B) - दृष्टी और कलर प्रवन्धन को लागू करे ताकि असामान्तायो को अच्छे से देखा जा सके | (जैसे की पारदर्शी
कवर, निरीक्षण
खिड़किया, कलर कोड इत्यादी|
(C) - कम के समय होने वाली गलतियो को रोकने के लिए प्रदर्शित नियंत्रणों का उपयोग करे | (जैसे की खतरा
सूचक, सचेतक, निर्देश
एवं फ्लोचार्ट इत्यादि का प्रयोग)
(D) - कार्य के नियमो तथा सूचकों को जाचने के लिए दृष्टि नियन्त्रको का प्रयोग करे | (जैसे की चेक शीट, SPC –
चार्ट,
लिमिट सैंपल, तापमान क्षेत्र इत्यादी |
(A)
– एक अच्छा कार्य स्थल हमेशा
के लिए बना रहता है |
(B)
- असमान्यताओं को जल्दी से
उभरता है |
(C)
– कार्य – स्थल आनंददायक
बनाता है |
लगातार अभ्यास से अच्छे रख – रखाव की आदते अपनाए
|
प्रत्येक कार्य करते समय अनुशाशन सहित निर्धारित नियमो का पालन करना चाहिए। उदहारण के लिए प्रत्येक की
निर्धारित समय एवं कार्य प्रणाली के अनुसार कार्य करना, सुरक्षा नियमो का पालन करना। सुरक्षा उपकरणों का
उपयोग करना
इत्यादि
(A)
- प्रत्येक कर्मचारी को स्पष्ट बातचीत तथा प्रशिक्षण उपलब्ध कराये |
(B)
– हर एक को
सम्मिलित करे | सब को स्पष्ट जिम्मेदारिया सौपे |
(C) - सामूहिक क्रियाओ को
स्थापित करे | (जैसे की 5S प्रतियोगिताये, मुकाबले तथा टूर्नामेंट इत्यादि)
(D) - नियम पालन अभियान तथा खेल क्रियाये | (जैसे की सफाई हफ्ता, पांच मिनट की सफाई, 6 सीटी बजने
तक की सफाई, छटाई का खेल इत्यादि)
(E)
“गश्ती दल” तथा
आपसी मूल्याकन टीमों द्वारा 5S के प्रवंधन को बनाये रखे |
(A)
– 5S के लिए स्वानुशासन की
भावना |
(B)
– अच्छी आदतों का विकास |
(C) - सही परिणामो की प्राप्ति के
लिए एक सा बर्ताव |
(A)
- विश्वस्तरीय निर्माण विधि
(W.C.M.) का प्रवेश द्वार है
(B)
- कार्य सरल होता है, जिसमे कर्मचारी में कार्य के प्रति रूचि बढ़ती है
(C)
- प्रत्येक कार्य सुविधापूर्वक एवं सुरक्षित ढंग से होता है, जिसमे दुर्घटना की संभावना
नहीं रहती है
(D)
- मिलजुल कर कार्य करने से आपसी भाईचारे में वृद्धि होती है
(E)
- कार्य जीवन में सुधार से कर्मचारियों के मनोबल में वृद्धि
होती है
(F)
- मशीन/उपकरणों की अनावश्यक बंदी में कमी आती है, जिसमे मशीन की आयु बढ़ती है
(G)
- उत्पाद की गुणवत्ता में वृद्धि होती है
(H)
- उत्पादन में वृद्धि तथा लागत में कमी आती है
(I)
- प्रत्येक कार्य त्रुटि रहित होता है, जिसमे "बर्बादी"
और "दुबारा कार्य" काफी कम हो जाता है
(J)
- प्रत्येक के विकाश एवं संस्थान की निरंतर प्रगति के लिए “5S" अत्यंत आवश्यक अंग
है
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